इग्नू असाइनमेंट में छात्र से होने वाली आम गलतियाँ और उन्हें कैसे टालें
इग्नू का असाइनमेंट! सुनते ही दिमाग में क्या आता है? कुछ के लिए यह एक सिरदर्द है, तो कुछ इसे हल्के में लेते हैं। लेकिन सच कहूं तो, यह आपकी पढ़ाई और ग्रेड के लिए बहुत ज़रूरी होता है। कई बार हम जाने-अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जो हमारे अंकों को कम कर देती हैं। मैं भी एक छात्र हूं, और मैंने खुद ये गलतियाँ की हैं। लेकिन जब सीखा, तो सोचा क्यों न अपने अनुभव आपसे साझा करूँ?
तो आइए जानते हैं, वे कौन-कौन सी आम गलतियाँ हैं और उन्हें कैसे टाला जाए ताकि हमारे मेहनत के नंबर कटने ना पाएं।
1. सही फॉर्मेट ना अपनाना – पहली गलती
क्या होता है?
जब मैंने अपना पहला असाइनमेंट लिखा, तो जल्दी में बस पन्ने भर डाले। सही फॉर्मेट कैसा होता है, इस पर ध्यान ही नहीं दिया। बाद में पता चला कि ये सबसे बड़ी गलती थी!
कैसे बचें?
इग्नू का एक निश्चित फॉर्मेट होता है, जिसे फॉलो करना बहुत ज़रूरी है।
– A4 साइज का पेपर इस्तेमाल करें।
– अपने हाथ से साफ-सुथरा लिखें।
– पहले पेज पर ये ज़रूर लिखें:
– नाम
– नामांकन संख्या (Enrollment Number)
– कोर्स कोड
– अध्ययन केंद्र का कोड
– जमा करने की तिथि
अगर ये डिटेल्स ना हों, तो आपका असाइनमेंट रिजेक्ट भी हो सकता है!
2. सीधे किताब या इंटरनेट से कॉपी-पेस्ट करना – दूसरी बड़ी भूल
क्या होता है?
“इग्नू की बुक से उठा लो, टीचर को कैसे पता चलेगा?” यह सोचकर मैंने भी पहली बार नकल मार दी थी। लेकिन सच कहूँ तो, यह एक बड़ा नुकसान कर सकता है!
कैसे बचें?
टीचर्स को सब पता होता है! वे रोज़ सैकड़ों असाइनमेंट चेक करते हैं। इसलिए, जो भी लिखें, अपने शब्दों में लिखें। किताब पढ़ें, समझें और फिर खुद की भाषा में उत्तर दें।
3. गंदी लिखावट और अधूरा जवाब – नंबर कटने का पक्का तरीका
क्या होता है?
जब हमारा खुद का लिखा हमें समझ न आए, तो बेचारे टीचर का क्या होगा?
कैसे बचें?
– धीरे और साफ़-सुथरा लिखें।
– काले या नीले पेन का इस्तेमाल करें।
– जवाब पूरा दें, अधूरा न छोड़ें। अगर जवाब पता नहीं तो थोड़ा रिसर्च करें, लेकिन अधूरा असाइनमेंट जमा ना करें।
4. असाइनमेंट समय पर जमा ना करना – अंतिम समय की भागदौड़
क्या होता है?
“अभी बहुत टाइम है, बाद में कर लूंगा।” यह सोचते-सोचते असाइनमेंट जमा करने की तारीख आ जाती है और फिर भागदौड़ शुरू होती है। जल्दबाजी में की गई गलतियाँ नंबर कम करवा देती हैं।
कैसे बचें?
– जैसे ही असाइनमेंट मिले, लिखना शुरू कर दें।
– अंतिम समय का इंतज़ार ना करें।
– समय पर जमा करें, वरना या तो जुर्माना लगेगा या असाइनमेंट स्वीकार ही नहीं होगा।
5. शब्द सीमा की अनदेखी करना – न ज़्यादा, न कम
क्या होता है?
कभी-कभी हम इतना कम लिखते हैं कि नंबर ही नहीं मिलते, और कभी इतना ज़्यादा लिख देते हैं कि खुद पढ़कर भी थक जाते हैं।
कैसे बचें?
– जो भी उत्तर दें, उसे सटीक और संतुलित रखें।
– शब्द सीमा का ध्यान रखें। ज़रूरत से ज़्यादा लिखने की जगह मुख्य बातों पर ध्यान दें।
6. संदर्भ (Reference) न देना – चोरी पकड़ में आ सकती है!
क्या होता है?
अगर हम किसी किताब, वेबसाइट या लेख से कुछ लेते हैं और उसे ज़िक्र नहीं करते, तो इसे नकल (Plagiarism) माना जाता है।
कैसे बचें?
– अगर किसी स्रोत से जानकारी ली है, तो उसे संदर्भ (Reference) सेक्शन में मेंशन करें।
– ईमानदारी से अपना काम करें।
7. बिना चेक किए असाइनमेंट जमा करना – छोटी गलतियाँ भी भारी पड़ सकती हैं
क्या होता है?
कई बार जल्दी में लिखते समय वर्तनी (Spelling) और व्याकरण की गलतियाँ हो जाती हैं, लेकिन हम उन्हें चेक नहीं करते और असाइनमेंट जमा कर देते हैं।
कैसे बचें?
– जमा करने से पहले कम से कम एक बार पूरा पढ़ें।
– हो सके तो किसी दोस्त या परिवार के सदस्य को भी दिखाएं।
– गलतियाँ पकड़ने के लिए ऑनलाइन टूल्स (जैसे Grammarly) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष – सीखें और बेहतर करें!
इग्नू असाइनमेंट सिर्फ एक फॉर्मेलिटी नहीं है, यह आपकी मेहनत का परिणाम होता है। अगर इन छोटी-छोटी गलतियों को सुधार लिया जाए, तो बेहतर नंबर लाने से कोई नहीं रोक सकता।
तो इन बातों को याद रखें:
✅ सही फॉर्मेट अपनाएं।
✅ कॉपी-पेस्ट से बचें, अपनी भाषा में लिखें।
✅ साफ-सुथरा और पूरा उत्तर दें।
✅ समय से पहले असाइनमेंट तैयार कर लें।
✅ प्रूफरीड करें और फिर जमा करें।
तो अगली बार जब आप अपना इग्नू असाइनमेंट लिखें, तो इन बातों का ध्यान रखें और बिना किसी चिंता के पूरे अंक हासिल करें! 🎯✨
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